आबलापा कोई
Thursday, September 11, 2008
आबलापा कोई इस दस्त में आया होगा
वरना आंधी में दिया किस ने जलाया होगा
[आबलापा : blisters in foot; दस्त : ruins]
ज़र्रे ज़र्रे पे जड़े होंगे कुंवारे सजदे
एक एक बुत को खुदा उस ने बनाया होगा
प्यास जलते हुऐ काँटों की बुझाई होगी
रिश्ते पानी को हथेली पे सजाया होगा
मिल गया होगा अगर कोई सुनहरी पत्थर
अपना टूटा हुआ दिल याद तो आया होगा
-मीना कुमारी
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