मोहब्बत करनेवाले कम न होंगे
Saturday, September 27, 2008
एक बहुत ही खूबसूरत नज़्म हफीज़ होशियारपुरी की कलम से। मेहँदी हसन साब ने इसको बहुत ही खूबसूरती से गाया है। पेश-ऐ-खिदमत है, गौर फरमाइए -
मोहब्बत करनेवाले कम न होंगेतेरी महफ़िल में लेकिन हम न होंगे
ज़माने भर के गम या इक तेरा गम
ये गम होगा तो कितने गम न होंगे
दिलों की उलझनें बड़ती रहेंगी
अगर कुछ मशवरे बाहम न होंगे
अगर तू इत्तफ़ाक़न मिल भी जाए
तेरी फुरक़त के सदमें कम न होंगे
'हफीज' उन से मैं जितना बदगुमान हूँ
वो मुझ से इस कदर बरहम न होंगे
1 comments:
I heard this without The flute before. Wow!!
http://ecoworrier.blogdrive.com
Post a Comment