आगाज़ तो होता है अंजाम नहीं होता
Thursday, September 11, 2008
आगाज़ तो होता है अंजाम नहीं होता
जब मेरी कहानी में वो नाम नहीं होता
जब जुल्फ की कालिख में घुल जाए कोई राही
बदनाम सही लेकिन गुमनाम नहीं होता
हंस हंस के जवान दिल के हम क्योँ न चुने टुकड़े
हर शख्स की किस्मत में ईनाम नहीं होता
बहते हुऐ आंसू ने आंखों से कहा थम कर
जो मय से पिघल जाए वो जाम नहीं होता
दिन डूबे है या डूबी बरात लिए कश्ती
साहिल पे मगर कोई कोहराम नहीं होता
-मीना कुमारी
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