बाज़ीचा-ऐ-अत्फाल है दुनिया मेरे आगे

Wednesday, September 10, 2008

बाज़ीचा-ऐ-अत्फाल है दुनिया मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे
[बाज़ीचा--अत्फाल = child's play]

इक खेल है औरंग-ऐ-सुलेमान मेरे नज़दीक
इक बात है एजाज़-ऐ-मसीहा मेरे आगे
[औरंग = throne; एजाज़ = miracle]

जुज़ नाम नहीं सूरत-ऐ-आलम मुझे मंजूर
जुज़ वहम नहीं हस्ती-ऐ-आशिया मेरे आगे
[जुज़ = other than; आलम = world; आशिया = things]

होता है निहां गर्द में सेहरा मेरे होते
घिसता है जबीं ख़ाक पे दरिया मेरे आगे
[निहां = hidden; गर्द = dust, सेहरा = desert, जबीं = forehead]

मत पूछ के क्या हाल है मेरा तेरे पीछे
तू देख के क्या रंग है तेरा मेरे आगे

सच कहते हो खुदबीन-ओ-खुदारा हूँ न क्यों हूँ
बैठा है बुत-ऐ-आईना सीमा मेरे आगे
[खुदबीन = proud/arrogant, खुदारा = self adorer, बुत--आईना = lover's mirror; सीमा = particularly]


फिर देखिये अंदाज़-ऐ-गुलफ़शानी-ऐ-गुफ्तार
रख दे कोई पैमाना-ऐ-सहबा मेरे आगे
[गुलफ़शानी = to scatter flowers while speaking, सहबा = wine]

नफरत का गुमाँ गुज़रे है मैं रश्क से गुज़रा
क्यों कर कहूँ लो नाम ना उस का मेरे आगे
[गुमाँ = suspicion/doubt; रश्क = envy]

ईमान मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ्र
काबा मेरे पीछे है कलीसा मेरे आगे
[कुफ्र = impiety, कलीसा = church/cathedral]

आशिक हूँ पे माशूक्फरेबी है मेरा काम
मजनूं को बुरा कहती है लैला मेरे आगे

खुश होते हैं पर वस्ल में यूं मर नहीं जाते
आई शब-ऐ-हिजरां की तमन्ना मेरे आगे
[hijr = separation]

है मौजज़न इक कुल्ज़ुम-ऐ-खून काश! यही हो
आता है अभी देखिये क्या-क्या मेरे आगे
[मौजज़न = turbulent (as in waves), कुल्ज़ुम = sea, खून = blood]

जो हाथ को जुम्बिश नहीं आंखों में तो दम है
रहने दो अभी सागर-ओ-मीना मेरे आगे
[जुम्बिश = movement; सागर-ओ-मीना = glass of wine]

हमपेशा-ओ-हम्माशाराब-ओ-हमराज़ है मेरा
'ग़ालिब' को बुरा क्यों कहो अच्छा मेरे आगे

-ग़ालिब
इस नज़्म को मिर्जा ग़ालिब Drama में जगजीत सिंह ने बहुत ही खूबसूरत अंदाज़ में गाया है -

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बेहतरीन

जब हम चले तो साया भी अपना न साथ दे
जब तुम चलो, ज़मीन चले आसमान चले
जब हम रुके साथ रुके शाम-ऐ-बेकसी
जब तुम रुको, बहार रुके चांदनी रुके
-जलील मानकपुरी

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